13+ Best Poems on Birds in Hindi | पक्षियों / चिड़िया पर कविता

Poems on Birds in Hindi – नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में हम प्रस्तुत करेंगे कुछ पक्षी पर कविता हिंदी में। उम्मीद करते है ये आपको पसंद आएगी। अगर आप चाहे तो इन्हे अपने दोस्तो के साथ share bhi kar sakte hai।
जब भी हम पक्षियों को आकाश में उड़ता देखते है तोह हमे भी इच्छा होती है की हम भी काश आकाश में इन् पक्षियों की तरह उड़ पाते। जब इनके मधुर आवाज़ से हम सुबह Insuranceparth उठ जाते है तोह हमारा दिन बहुत अच्छा जाता है ! पता ह किऊ ? किउकी इनके मधुर आवाज से हमारा मन प्रफुलित हो जाता है और हमारे मन एक नई ऊर्जा का प्रवाह होता है।
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Poem Of Bird In Hindi | पक्षियों पर कविता | Poems on Birds in Hindi
कलरव करती सारी चिड़िया,
लगती कितनी प्यारी चिड़िया
दाना चुगती, नीड बनाती,
श्रम से कभी न हारी चिड़िया
भूरी, लाल, हरी, मटमैली,
श्रंग-रंग की न्यारी चिड़िया
छोटे-छोटे पर है लेकिन,
मीलो उड़े हमारी चिड़िया
Poetry On Birds In Hindi | पंछी पर कविता
प्यार पंछी सोच पिंजरा दोनों अपने साथ हैं,
एक सच्चा, एक झूठा, दोनों अपने साथ हैं,
आसमाँ के साथ हमको ये जमीं भी चाहिए,
भोर बिटिया, साँझ माता दोनों अपने साथ हैं।
आग की दस्तार बाँधी, फूल की बारिश हुई,
धूप पर्वत, शाम झरना, दोनों अपने साथ हैं।
ये बदन की दुनियादारी और मेरा दरवेश दिल,
झूठ माटी, साँच सोना, दोनों अपने साथ हैं।
वो जवानी चार दिन की चाँदनी थी अब कहाँ,
आज बचपन और बुढ़ापा दोनों अपने साथ हैं।
मेरा और सूरज का रिश्ता बाप बेटे का सफ़र,
चंदा मामा, गंगा मैया, दोनों अपने साथ हैं।
जो मिला वो खो गया, जो खो गया वो मिल गया,
आने वाला, जाने वाला, दोनों अपने साथ हैं।
Poem On Chidiya In Hindi | चिड़िया की कविता
मैं पंछी आज़ाद मेरा कहीं दूर ठिकाना रे।
इस दुनिया के बाग़ में मेरा आना-जाना रे।।
जीवन के प्रभात में आऊँ, साँझ भये तो मैं उड़ जाऊँ।
बंधन में जो मुझ को बांधे, वो दीवाना रे।। मैं पंछी…
दिल में किसी की याद जब आए, आँखों में मस्ती लहराए।
जनम-जनम का मेरा किसी Suvicharin से प्यार पुराना रे।। मैं पंछी…
Poem About Birds in Hindi | Chidiya Par Kavita
प्यार पंछी सोच पिंजरा दोनों अपने साथ हैं,
एक सच्चा, एक झूठा, दोनों अपने साथ हैं,
आसमाँ के साथ हमको ये जमीं भी चाहिए,
भोर बिटिया, साँझ माता दोनों अपने साथ हैं।
आग की दस्तार बाँधी, फूल की बारिश हुई,
धूप पर्वत, शाम झरना, दोनों अपने साथ हैं।
ये बदन की दुनियादारी और मेरा दरवेश दिल,
झूठ माटी, साँच सोना, दोनों अपने साथ हैं।
वो जवानी चार दिन की चाँदनी थी अब कहाँ,
आज बचपन और बुढ़ापा दोनों अपने साथ हैं।
मेरा और सूरज का रिश्ता बाप बेटे का सफ़र,
चंदा मामा, गंगा मैया, दोनों अपने साथ हैं।
जो मिला वो खो गया, जो खो गया वो मिल गया,
आने वाला, जाने वाला, दोनों अपने साथ हैं।
Short Poem On Birds In Hindi | चिड़िया पर कविता
दिशाहीन यह मन पंछी सा
आस की टहनी पर जब बैठा।
जग मकड़ी के जैसे आकर
पंखों पर इक जाल बुन गया।
सूरज की सतरंगी किरणें
ख़्वाव दिखा कर चली गईं।
सांझ ढली, सूरज डूबा
मैं जग के हाथों हार गया।
Poem For Birds In Hindi | Chidiya Ki Kavita
कौन देस से आए ये पंछी
कौन देस को जाएंगे
क्या-क्या सुख लाए ये पंछी
क्या-क्या दुख दे जाएंगे
पंछी की उड़ान औ’ पानी
की धारा को कोई सहज समझ नहीं पाता
पंछी कैसे आते हैं
पानी कैसे बहता है
अगर कोई समझता है भी
मुझको नहीं बतलाता है।
Small Poem On Birds In Hindi | Chidiya Rani Kavita
जब-जब मुझे लगता है
कि घट रही है आकाश की ऊँचाई
और अब कुछ ही पलों में मुझे पीसते हुए
चक्की के दो पाटों में तबदील हो जाएंगे धरती-आसमान
तब-तब बेहद सुकून देते हैं पंछी
आकाश में दूर-दूर तक उड़ते ढेर सारे पंछी
बादलों को चोंच मारते
अपनी कोमल लेकिन धारदार पाँखों से
हवा में दरारें पैदा करते ढेर सारे पंछी
ढेर सारे पंछी
धरती और आकाश के बीच
चक्कर मारते हुए
हमें एहसास दिला जाते हैं
आसमान के अनंत विस्तार
और अकूत ऊँचाई का!
Birds Poem in Hindi For Kids | बच्चो के लिए पक्षी पर हिंदी कविता
आंधी आई जोर शोर से,
डाले गिरी इधर-उधर से,
उड़ा घोसला, फूटे अंडे,
किस से दुःख की बात करेगी,
अब किस से ये फ़रियाद करेगी,
अब ये चिड़िया क्या करेगी|
Chidiya Ke Upar Kavita | Pakshi Par Kavita
काश मैं भी एक पंछी होती,
तो मेरे लिए आसमान में,
कोई सीमा नहीं होती,
काश मैं भी एक पंछी होती,
फिर इन पंछियो की तरह में भी आज आजाद होती,
काश मैं भी एक पंछी होती,
जो अपने हौसले बुलंदकर,
आसमान में बेखौफ उड़ सकती,
काश मैं भी एक पंछी होती|
चिड़ियों पर कविताएँ | पक्षियों का हिन्दी कविताएँ
तेरे आने के बाद
एक पक्षी
मेरे अन्दर घोंसला बनाता है
गहराइयों में खो जाता है।
तेरे जाने के बाद
एक पक्षी
खुले आकाश में उड़ता है
उकाब की भांति
अंतरिक्षों को चीरता है
और खो जाता है।
मोर पक्षी पर कविता | Poem On Peacock in Hindi
नाचता मोर सबको सुहाता,
नाच नाच के अपने पंख फैलाता,
विशेषताएँ तो इसकी अनेक,
आवाज़ करके यह शोर मचाता,
उड़ उड़ कर नाच दीखता,
अपने पंखो से सबका मन भेलाता,
भारत का राष्ट्रीय पक्षी कहलाता,
कभी कभी है यह हवा में भी उड जाता|
Vah Chidiya Jo Kavita | वह चिड़िया जो | Voh Chidiya Jo Kavita
वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
दूध-भरे जुंडी के दाने
रुचि से, रस से खा लेती है
वह छोटी संतोषी चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे अन्न से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो-
कंठ खोल कर
बूढ़े वन-बाबा के खातिर
रस उँडेल कर गा लेती है
वह छोटी मुँह बोली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे विजन से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो-
चोंच मार कर
चढ़ी नदी का दिल टटोल कर
जल का मोती ले जाती है
वह छोटी गरबीली चिड़िया
नीले पंखों वाली मैं हूँ
मुझे नदी से बहुत प्यार है।
Poem On Freedom Of Birds In Hindi | पिंजरे में बंद पक्षी पर कविता
आजाद है वो उन्हें आज़ादी से रहने दो,
हद आकाश है जिनकी,
आकाश ही रहने दो…..
कुछ देना है तो स्वच्छ हवा दो,
दाना पानी ना मांगे वो….
आकाश में उड़ान,
भरते ही अच्छे लगते वो….
पिंजरों में ना बांदो तुम,
पिंजरों में ना बांदो तुम||
दोस्तों मैं आसा करता हु की यह Poems on Birds in Hindi आपको अच्छा लगा होगा , अगर आपको यह कविता आपको पसंद आई हो तोह आपको हमारी और भी articles पसंद आएँगी जैसे की Poem On Life In Hindi , Desh Bhakti Kavita Poem in Hindi, Ganga Nadi Par Kavita। अगर आपको अपनी कविता को फीचर करना है तोह आप हमे कमेंट करके बता सकते है।