12+ Best Poem On Earth Day in Hindi | धरती / पृथ्वी दिवस पर कविताएं
Poem on Earth Day in Hindi | धरती / पृथ्वी दिवस पर कविताएं – नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में हम प्रस्तुत करेंगे कुछ पृथ्वी दिवस पर कविताएं (poem about earth in hindi) हिंदी में। उम्मीद करते है ये आपको पसंद आएगी। अगर आप चाहे तो इन्हे अपने दोस्तो के साथ share bhi kar sakte hai। Earth Day को भी World Earth Day कहा जाता है। यह सभी Poem on Earth in Hindi को हमारे हिंदी के प्रसिद्ध कवियों द्वारा लिखी गई हैं. छात्रों को प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में भी या Poem on Save Earth in Hindi काफी सहायक होगी
प्रत्येक वर्ष 22 April को (World Earth Day) विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता हैं | पृथ्वी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि वर्तमान में मानव द्वारा बहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाया जा रहा है जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन नष्ट होने की संभावना है | इसलिए सभी लोगों में जागृति फैलाने के लिए Earth Day मनाया जाता है ताकि कम से कम लोग एक दिन तो कम प्रदूषण करें और अधिक से अधिक पेड़ लगाएं |
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Poem On Earth Day In Hindi | Short Kavita On Earth Day
मनुष्य तेरे ऊपर भी उधार बड़ा है
पर्यावरण का भी अपार बड़ा है
जीवन भर तू उतार नही पाए
दिनों दिन बढ़ता ही जाए
प्रति माह कुछ पेड़ लगा ही दो
अपना भी कर्ज कुछ यू चूका दो
भावी पीढ़ी को भी बतला दो
हमने अपना फर्ज है निभाया
जो कुछ उलझा था उसे भी सुलझाया
आगे अब से खड़ा हु तुम्हारे
चाहे त्याग ना या फिर चाहे खाना
धरती माता है हम सब की आओ इसे नमन करे
बनी रहे इसकी सुंदरता आओ हम ऐसे काम करें
चलो हम सब मिलजुल कर इस धरती को भी स्वर्ग बना दें
देखो इस सुंदर रूप धरा को इस का हर कोना महका दें
नैतिक जिम्मेदारी को समझकर नैतिकता से काम करें
हरा भरा करके इस धरती को आओ हम इसका सम्मान करें
मां तो है यह हम सबकी रक्षक हम इसके क्यों बने हैं भक्षक
यह धरती है एक पावन भूमि आओ बन जाएं इसके संरक्षक
इस कुदरत ने जो हमें दिया है हम सब उसका सम्मान करें
न छेड़ो इन उपहारों को,और नही कोई बुराई का काम करो।
बनी रहे पृथ्वी की सुंदरता, ऐसा भी कुछ काम करो।
धरती माता है सभी की आओ इसे प्रणाम करे
Poem on dharti in hindi
सुंदर-सुंदर प्यारी-प्यारी
रंग बिरंगी पृथ्वी,
पहनके चुनरिया रंगो वाली
दुल्हन जैसी लगती ।
नीला-नीला आसमान है
बादल है काले-काले,
लाल, सफ़ेद, नीले, पीले
फूल बड़े मतवाले ।
हरियाली की फ़ैली है चादर
सब के मन को हरती,
सुंदर सुंदर प्यारी प्यारी
रंगीली धरती ।
काला कौवा, काली कोयल
भालू भी तो हैं काला,
कूकड़ू-कू भी करता है मुर्गा
लाल कलंगी वाला ।
सुबह-सुबह भूरी चिड़िया
चीं-चीं चीं-चीं करती,
सुंदर-सुंदर और प्यारी-प्यारी
रंग बिरंगी धरती ।
सुंदर-सुंदर प्यारी-प्यारी
रंग बिरंगी धरती,
पहनके चुनरिया रंगो वाली
दुल्हन जैसी लगती ।
Earth Day Poem In Hindi | पृथ्वी दिवस पर कविताएं
धरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करो
बनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो
आओ हम सब मिलजुल कर,
इस धरती को ही स्वर्ग बना दें
देकर सुंदर रूप धरा को,
कुरूपता को दूर भगा दें
नैतिक ज़िम्मेदारी समझ कर,
नैतिकता से काम करें
गंदगी फैला भूमि पर
माँ को न बदनाम करें
माँ तो है हम सब की रक्षक
हम इसके क्यों बन रहे भक्षक
जन्म भूमि है पावन भूमि,
बन जाएँ इसके संरक्षक
कुदरत ने जो दिया धरा को
उसका सब सम्मान करो
न छेड़ो इन उपहारों को,
न कोई बुराई का काम करो
धरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करो
बनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो
माटी से ही जन्म हुआ है
माटी में ही मिल जाना है
धरती से ही जीवन अपना
धरती पर ही सजे सब सपना
सब जीव जन्तु धरती पर रहते
गंगा यमुना यही पर बहते
सब्जी फल यहाँ ही उगते
धन फसल यहाँ ही उपजे
धरती माँ की देख रेख कर
हमको फर्ज़ निभाना है|
Save Earth Poem In Hindi | धरती बचाओ पर कविता | Poem On Save Earth In Hindi
धरती माँ हमारी जीवन दाता
इस माता से जुड़ा हुआ हैं सारे जहाँ का नाता…!!
जन्म हुआ यही हमारा जीवन भी संवारा हमारा,
हमारी धरती बड़ी अपार, इसमें फैला हैं सारा संसार…!!
धरती को नहीं जरा भी अभिमान, हमारी धरती बड़ी महान,
धरती के हम पर अनगिनत उपकार, ये सब हैं धरती का परोपका…!!
सुंदर सुंदर बाग़ बगीचें हैं धरती पर, खुबसूरत पर्वतों का नजारा हैं धरती पर,
नदियों की बहती धारा हैं हमारे इस धरती पर…!!
सारे रिश्तें नाते हैं इस धरती पर,
बड़े बड़े महल और छोटे छोटे मकान हैं इस धरती पर…!!
खेतों में हरी भरी फ़सलो की बहार है इस धरती पर,
पेड़ों पर ची ची करती चिड़िया की पुकार हैं इस धरती पर…!!
सब कुछ हरा भरा हैं इस धरती पर,
इसीलिए धरती माता हमारी जीवन दाता,
इस माता से जुड़ा हुआ हैं सारे जग का नाता…!!
मैं धरती मॉ बोल रही हूं
अनगिन घावों की पीडा में
मन के आंसू घोल रही हूं
मैं धरती मॉ बोल रही हूं।
हरियाली की चादर जर्जर,
तपती गर्म हवाओं का डर
पथरीले पथ पर डगमग पग,
बिना त्राण के डोल रही हूं
मैं धरती मॉ बोल रही हूं।
तन का लहू पिलाकर पाला
सुख स्वप्नों में देखा भाला
सुखद छांव दी तरु-विटपों की
सुरभित कर जीवन का प्याला
पर अपने जाये बेटों ने
श्वेताभा से तन रंग डाला
रंगहीन आंचल संभालती
यात्रा पथ पर घूम रही हूं
मैं धरती मॉ बोल रही हूं।
Poem On Earth In Hindi | धरती पर कविता
धरती कह रही हैं बार बार
सुन लो मनुष्य मेरी पुकार,
बड़े बड़े महलों को बना के
मत डालो मुझ पर भार
पेड़ पौधों को नष्ट करके,
मत उजाड़ो मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार!!
मैं हु सबकी जीवन दाता
मैं हु सबकी भाग्य विधाता,
करने डॉ मुझे सब जीवो पर उपकार,
मत करो मेरे पहाड़ों पर विस्फ़ोटक वार,
मत उजाड़ो मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार!!
सुंदर सुंदर बाग़ और बगीचे हैं मेरे,
हे मनुष्य ये सब काम आयेंगें तेरे,
मेरी मिटटी में पला बड़ा तू,
तूने यहीं अपना संसार गाढ़ा हैं,
फिर से कर ले तू विचार,
मत उजाड़ मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार!!
मैं रूठी तो जग रूठा,
अगर मेरे सब्र का बांध टुटा,
नहीं बचेंगा कोई,
मेरे साथ अगर अन्याय करोंगे,
तो न्याय कह से पाओंगे
कभी बाढ़ तो कभी सुखा,
और भूकंप जैसी आपदा सहते जाओंगे,
धरती की बस यहीं पुकार,
मत उजाड़ों मेरा संसार!!
Author –
आओं हम सब मिलकर,
ये संकल्प उठाएँ,
धरती माँ को फिर से,
सुंदर और स्वच्छ बनाए।
हो सके स्वच्छ जिससे,
भूमि, जल और वायु,
आरोग्य बने, स्वस्थ रहे,
और हो सके जिससे सब दीर्घायु।
हरियाली फैली हो,
हो धरा रंगीली,
सुंदर पुष्पों से महके वन उपवन,
खेतों में फ़सलें हो फूली।
हो स्वच्छ और सुंदर नभ भी,
और पक्षी पंख लहराए,
गाए गीत खुशी के वो,
निडर वो उड़ते जाए।
आओं मिलकर हम सब,
ये संकल्प उठाएँ,
धरती माँ के आँचल को,
स्वर्ग सा सुंदर सजाएं।
Short Poems About Earth In Hindi | धरती पर छोटी कविता
धरती का आँगन इठलाता, शस्य श्यामला भू का यौवन।
अंतरिक्ष का हृदय लुभाता।।
जौ गेहूँ की स्वर्णिम बाली, भू का अंचल वैभवशाली।
इस अंचल से चिर अनादि से, अंतरंग मानव का नाता।।
आओ नए बीज हम बोएं, विगत युगों के बंधन खोएं।
भारत की आत्मा का गौरव, स्वर्ग लोग में भी न समाता।।
भारत जन रे धरती की निधि, न्यौछावर उन पर सहृदय विधि।
दाता वे, सर्वस्व दान कर, उनका अंतर नहीं अघाता।।
किया उन्होंने त्याग तप वरण, जन स्वभाव का स्नेह संचरण
आस्था ईश्वर के प्रति अक्षय, श्रम ही उनका भाग्य विधाता।।
सृजन स्वभाव से हो उर प्रेरित, नव श्री शोभा से उन्मेषित
हम वसुधैव कुटुम्ब ध्येय रख, बनें नये युग के निर्माता।।
Author – सुमित्रानंदन पंत
Poem About Earth in Hindi | Poem Of Earth In Hindi | धरती पर हिंदी कविताएँ
माटी से ही जन्म हुआ है!
माटी में ही मिल जाना है!!
धरती से ही जीवन अपना!
धरती पर ही सजे सब सपना!!
सब जीव जन्तु धरती पर रहते!
गंगा यमुना यही पर बहते!!
सब्जी फल यहाँ ही उगते!
धन फसल यहाँ ही उपजे!!
धरती माँ की देख रेख कर!
हमको फर्ज़ निभाना है!!
Author – अनुष्का सूरी
Dharti Ma Par Kavita | पृथ्वी पर विशेष कविता | धरती मां पर कविता इन हिन्दी
पेड़ों को पाल पोस कर ऊंचा करती, पत्ते पत्ते में रहे जिन्दा हरापन
अपनी देह को खाद बनाती है, धरती इसी लिए माँ कहलाती है ।।
पानी से तर हैं सब, नदियाँ, पोखर, झरने और समंदर।
ज्वालामुखी हजारों फिर भी, सोते धरती के अन्दर।।
जैसा सूरज तपता आसमान में, धरती के भीतर भी दहकता है।
गोद में लेकिन सबको साथ सुलाती है, धरती इसी लिए माँ कहलाती है।।
आग पानी को सिखाती साथ रहना, हर बीज सीखता इस तरह उगना।
एक हाथ फसलें उगा कर, सबको खिलाती है।।
दुसरे हाथ सृजन का , सह -अस्तित्व का।।
एकता का – पाठ पढ़ाती है।
धरती…इसी लिए माँ कहलाती है।।
Author – सुरेश यादव
दोस्तों मैं आसा करता हु की यह Poem on Earth Day in Hindi आपको अच्छा लगा होगा , अगर आपको यह कविता आपको पसंद आई हो तोह आपको हमारी और भी articles पसंद आएँगी जैसे की Poem On Life In Hindi , Desh Bhakti Kavita Poem in Hindi, Ganga Nadi Par Kavita। अगर आपको अपनी कविता को फीचर करना है तोह आप हमे कमेंट करके बता सकते है।